Sitemap Kya Hai? आपने कभी सोचा है कि Google और Bing जैसे सर्च इंजन आपकी वेबसाइट को कैसे ढूंढते हैं? ये काम सर्च इंजन बॉट्स करते हैं जो आपकी website के Sitemap को पढ़कर वेबपेजों को Crawl और Index करते हैं।
एक अच्छा XML sitemap आपकी वेबसाइट के ब्लूप्रिंट और रोडमैप की तरह होता है जो “Google Bots” या “Google Crawlers” को आपके सभी महत्वपूर्ण वेबपेजों तक ले जाता है। Sitemaps website के SEO के लिए भी जरूरी हैं क्योंकि ये सर्च इंजन को बहुत तेज़ी से आपके वेबपेजों को खोजने में मदद करता है।
लेकिन ये साइटमैप क्या है? साइटमैप कितने प्रकार के होते हैं? साइटमैप होने के क्या फायदे हैं? और साइटमैप कैसे बनाए? आपके मन में इस तरह के बहुत सारे सवाल आए होंगे। इस आर्टिक्ल में Sitemap Kya Hai in Hindi बताने के साथ-साथ आप यह भी जानेंगे कि वे सर्च रिजल्ट्स में बेहतर रैंक करने में कैसे मदद करते हैं।
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चलिए पहले जानते हैं कि ये Sitemap Kya Hai।
Sitemap Kya Hai in Hindi
साइटमैप एक फ़ाइल है जो किसी वेबसाइट के सभी पेजों, वीडियो और अन्य फ़ाइलों और उनके बीच संबंधों के बारे में जानकारी प्रदान करती है। Google और Bing जैसे सर्च इंजन Sitemap का इस्तेमाल कर के आपकी वेबसाइट को अच्छे से Crawl कर पाते हैं।
दूसरे शब्दों में कहें तो किसी वैबसाइट का साइटमैप उस वेबसाइट का ब्लूप्रिंट होता है जो सर्च इंजनों को वेबसाइट के कंटैंट को खोजने, क्रॉल करने और इंडेक्स करने में मदद करता है। Sitemap आपकी वेबसाइट के Structure या संरचना के बारे में जानकारी देता है।
इंटरनेट पर वैबसाइटों के बढ़ते आकार (Size) और जटिलता के कारण, Google ने 2005 में एक नया प्रोटोकॉल विकसित किया था। इस प्रोटोकॉल को XML Format का उपयोग करने के लिए डिज़ाइन किया गया था। इस प्रोटोकॉल को “XML sitemap” के नाम से जाना जाता है।
Website के Sitemap को पढ़कर ही सर्च इंजन यह जानते हैं कि साइट के कौन से पेज सबसे महत्वपूर्ण हैं। साइटमैप से लोगों को आपकी वेबसाइट पर नेविगेट (Navigate) करने में आसानी होती है।
आपकी वेबसाइट में आपके पेज, आपके ब्लॉग पोस्ट या इमेज के लिए अलग-अलग साइटमैप हो सकते हैं।
सर्च इंजन आपकी वैबसाइट के सभी वेबपेजों को साइटमैप की सहायता से तेज़ी से और आसानी से एक ही जगह प्राप्त कर लेते हैं। उन्हे वैबसाइट में internal links के माध्यम से अलग-अलग ढूँढने की जरूरत नहीं होती।
Sitemap को ज़्यादातर XML या HTML format में Save किया जाता है। XML साइटमैप का एक उदाहरण यहाँ दिया गया है:


Sitemaps Important Kyu Hai
सर्च इंजन आपकी वेबसाइट के Structure को जितना ज्यादा समझते हैं उतनी ही ज्यादा आपके टार्गेट कीवर्ड के लिए रैंक होने की संभावना होती है।
इसलिए साइटमैप बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। SEO में भी साइटमैप की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। Google, Yahoo और Bing जैसे सर्च इंजन आपकी वेबसाइट पर वेबपेजों का पता लगाने के लिए Sitemap की ही सहायता लेते हैं।
- यदि आपकी वेबसाइट के वेबपेज इंटरनल Linking से ठीक से जुड़े हुए हैं, तो Google आसानी से आपकी वेबसाइट के सारे content और वेबपेजों को खोज सकता है।
- लेकिन अगर आपकी वैबसाइट में सही Linking नहीं की गई है और Menu या पेजों पर लिंक्स के माध्यम से सभी वेबपेजों तक नहीं पहुंचा जा सकता तो क्रॉलिंग प्रक्रिया के दौरान कई महत्वपूर्ण Webpages के Indexing ना होने का खतरा रह बना रहता है।
- अगर आपकी वैबसाइट में Internal Linking अच्छे से की गई है तो भी साइटमैप बड़ी या अधिक Complex वेबसाइटों या ज्यादा Specialized फ़ाइलों की क्रॉलिंग में सुधार कर सकता है।
- कोई भी ब्लॉग, Ecommerce, Website, बिज़नस या व्यक्ति नहीं चाहेगा कि उसके महत्वपूर्ण Webpages इंडेक्स किए बिना ही रह जायें। ऐसे Risk से बचने के लिए ही वैबसाइट में XML साइटमैप बनाने की कोशिश की जाती है, क्योंकि इससे वेबसाइट के सभी URL क्रॉल करने में मदद मिलती है।
- साइटमैप की सहायता से ही Google को पता चलता है कि आपकी साइट में कौन से वेबपेज और फ़ाइलें महत्वपूर्ण हैं। इन फ़ाइलों के बारे में जानकारी भी साइटमैप से ही मिलती है। उदाहरण के लिए किसी वेबसाइट में किसी वेबपेज को अंतिम बार अपडेट कब किया गया था ये आसानी से साइटमैप से सर्च इंजन को पता चल जाता है।
आइए जानते हैं कि Sitemap की जरूरत कब होती है?
- आपकी वेबसाइट बड़ी हो: अगर आपकी साइट वास्तव में बड़ी है और उसमें हजारों वेबपेज हैं तो इस बात का Risk रहता है कि Google वेब क्रॉलर आपके कुछ नए या Recently Updated Webpages को क्रॉल ना कर पाएँ।
- Internal Linking ना हो: वेबसाइट में Links के बिना search engine spiders आसानी से वेबपेजों को नहीं खोज पाते। साइटमैप से वैबसाइट के सभी पृष्ठ आसानी से Indexed हो जाते हैं। साइटमैप होने से Google आपके वेबपृष्ठों को नज़रअंदाज़ नहीं करता।
- आपकी वैबसाइट नई हो और उसमें बाहरी लिंक ना हों: इंटरनेट पर Googlebot और अन्य वेब क्रॉलर एक वेबपेज से दूसरे वेबपेज पर लिंक का इस्तेमाल कर के ही वेब को क्रॉल करते हैं। ऐसे में अगर आपकी वेबसाइट पर कोई external links या Backlinks ना हों तो हो सकता है कि Google आपके वेबपेजों को Crawl ना कर पाये।
- वैबसाइट में बहुत Video या Images होने पर: उन वैबसाइटों से जिनमें Rich Media Content या बहुत ज्यादा विडियो या Images होती हैं, Google साइटमैप से अतिरिक्त जानकारी निकालता है। Google News में आने वाली साइटों के लिए भी साइटमैप जरूरी होता है।
जब किसी वेबसाइट में हजारों वेबपेज हों, तो यह हाइलाइट करना जरूरी होता है कि Google को पहले किन Pages को क्रॉल करना चाहिए।
यहाँ ध्यान देने की बात है कि साइटमैप बनाने से इस बात की गैरंटी नहीं हो जाती कि आपकी वैबसाइट के सभी वेबपेज Crawl और Index हो जाएंगे। लेकिन गूगल का मानना है कि ज्यादातर मामलों में, साइटमैप होने से आपकी वेबसाइट को फायदा ही होता है।
कौन से Sitemap Formats इस्तेमाल होते हैं?
वैबसाइट के साइटमैप के Standards को नियंत्रित करने वाली आधिकारिक संस्था sitemaps.org है। Google द्वारा समर्थित विभिन्न प्रकार के Sitemap Formats ये हैं:
- XML
- RSS, mRSS, और Atom 1.0
- Text
- Google Sites
- HTML
Sitemap कितने प्रकार के होते है।
साइटमैप दो प्रकार के होते हैं: HTML और XML
XML Sitemap:
सर्च इंजनों के समझने के लिए होता है। अच्छे से बनाए गए XML साइटमैप का इस्तेमाल कर के गूगल के Crawlers आसानी से आपके महत्वपूर्ण वेबपेजों तक पहुँच जाते हैं।
ये इन्फॉर्मेशन को Machine-Readable बनाता है। XML साइटमैप एक प्रकार की टेक्स्ट फ़ाइलें होती हैं जिन्हें टैग के साथ चिह्नित किया जाता है। यह XML Sitemap भी 4 प्रकार का होता है।
- Image Sitemaps: Sitemap Image Entry आपकी साइट पर होस्ट की गई सभी फोटो या Images को खोजने में Google की सहायता करता है। इसमें इमेज की विषय वस्तु, प्रकार और लाइसेंस जैसी जानकारियाँ शामिल हो सकती हैं।
<image:image> और <image:loc> tags किसी इमेज साइटमैप के लिए अनिवार्य टैग हैं।
इमेज साइटमैप शामिल करने से Google Image Search रिजल्ट्स में आपकी इमेज के featured होने की संभावना बढ़ जाती है।
- Video Sitemaps: Sitemap video entry आपके वेबपृष्ठ पर वीडियो सामग्री को समझने में Google की सहायता करने के लिए उपयोग किया जाता है। विडियो साइटमैप विडियो की अवधि, कैटेगरी, आयु वर्ग (age-appropriateness rating) का उल्लेख करता है।
- News Sitemaps: ये साइटमैप Google को उन साइटों पर न्यूज़ कंटैंट खोजने में मदद करता है जो Google News के लिए स्वीकृत हो चुके हैं।इसमें किसी आर्टिक्ल या लेख का शीर्षक और प्रकाशन की तारीख शामिल होते हैं।
- Normal XML Sitemap: यह सबसे कॉमन टाइप का साइटमैप है। यह आपकी वेबसाइट के विभिन्न वेबपेजों से लिंक करता है।
HTML Sitemap:
आपकी वैबसाइट पर आने वाले लोगों के लिए होता है। यह Users को वेबसाइट पर आसानी से नेविगेट करने में मदद करता है।
एक HTML साइटमैप एक प्रकार का HTML पेज होता है जिस पर किसी वेबसाइट के सभी Subpages सूचीबद्ध या Listed होते हैं। यहाँ HTML साइटमैप का एक स्क्रीनशॉट दिया गया है:
यह दैनिक जागरण समाचार वैबसाइट का साइटमैप है।
HTML साइटमैप किसी वैबसाइट के XML Sitemap की तुलना में SEO के लिए कम महत्वपूर्ण होता है। यानि HTML Sitemap का SEO के लिए ज्यादा उपयोग नहीं है। ये आमतौर पर वेब पेज के निचले हिस्से में होते हैं।
हेडर-आधारित नेविगेशनल रोलओवर या Menu के इस्तेमाल होने से पहले HTML साइटमैप Visitors के लिए महत्वपूर्ण हुआ करते थे। लेकिन अब इनका ज्यादा इस्तेमाल नहीं होता।
कभी-कभी जिन Pages को साइट के header navigation में जगह नहीं मिलती उन्हे ही नीचे HTML Sitemap में जगह दे दी जाती है।
हालांकि सर्च इंजन बॉट आपके HTML साइटमैप को क्रॉल कर सकते हैं, और उनका उपयोग करके Google को ये संकेत भेजते हैं कि कोई वैबसाइट User Experience के लिए कितनी बेहतर है।
XML साइटमैप और HTML साइटमैप में क्या अंतर है?
XML साइटमैप सर्च बॉट को क्रॉल करने के लिए लिखे जाते हैं जबकि HTML साइटमैप आपकी वेबसाइट पर आने वाले Users के लिए होता है। HTML साइटमैप नेविगेट करने में आपकी सहायता के लिए होता है जो अक्सर वेबसाइटों के Footer में मौजूद होता हैं।
XML Sitemap Kya Hai
हमें XML साइटमैप समझने से पहले यह समझ लेना चाहिए कि XML क्या होता है। XML या एक्स्टेंसिबल मार्कअप लैंग्वेज (Extensible Markup Language) जानकारी को एन्कोडिंग करने का एक Format या प्रारूप होता है जिसे सर्च इंजन आसानी से पढ़ और समझ सकते हैं।
XML साइटमैप ऐसी फ़ाइल है जो आपकी वेबसाइट के महत्वपूर्ण वेबपेजों को सूचीबद्ध करती है ताकि Google और Bing जैसे सर्च इंजन आपकी वैबसाइट के URL और वेबपेजों को पूरी तरह से Crawl और Index कर सके।
एक अच्छा XML साइटमैप आपकी वेबसाइट के रोडमैप की तरह होता है जो Google को आपके सभी महत्वपूर्ण वेबपेजों तक ले जाता है।
ये XML साइटमैप SEO के लिए अच्छे माने जाते हैं, क्योंकि इंटरनल लिंकिंग सही ना होने पर भी वे Google को आपकी वेबसाइट के महत्वपूर्ण पेजों को तेज़ी से खोजने में मदद करते हैं।
XML Sitemap सर्च इंजन को आपकी वेबसाइट की संरचना या Structure को समझने में भी मदद करता है।
किसी वैबसाइट की XML साइटमैप ऐसी दिखती है। यहाँ हमने अपनी वैबसाइट की साइटमैप का स्क्रीनशॉट दिया है।


HTML Sitemap Kya Hai
जैसा कि पहले बताया जा चुका है एक HTML साइटमॅप किसी वैबसाइट पर आने वाले लोगों के लिए होता है। यह Users को आपकी वेबसाइट पर आसानी से नेविगेट करने में मदद करता है।
आमतौर पर किसी साइट के निचले हिस्से (Footer) में पाया जाने वाले HTML Sitemap नेविगेशन बार जैसा दिखता है। इसके माध्यम से आप संबंधित Subpage पर जाने के लिए प्रत्येक लिंक पर क्लिक कर सकते हैं।
जब वेबसाइटों पर कोई स्पष्ट नेविगेशन बार उपलब्ध नहीं हुआ करते थे, उस समय वेबसाइटों की उपयोगिता के लिए HTML साइटमैप बहुत महत्वपूर्ण माने जाते थे।
लेकिन अभी भी HTML साइटमैप साइट को नेविगेट करने में उपयोगकर्ताओं या Users के लिए कुछ मदद जरूर करते हैं। अगर आपने अपनी वेबसाइट का XML Sitemap Google Search Console में सबमिट कर भी दिया है तो भी HTML Sitemap आपके SEO के लिए अच्छे साबित हो सकते हैं।
अलग-अलग तरह के साइटमैप समझने के बाद आइए अब जानते हैं कि साइटमैप कैसे बनाए।
Blog के लिए Sitemap Kaise Banaye
साइटमैप बनाने से पहले ये ध्यान रखना चाहिए कि कोई भी साइटमैप 50MB की साइज़ से बड़ा नहीं होना चाहिए। गूगल के अनुसार एक साइटमैप में अधिकतम 50,000 URLs ही हो सकते हैं।
WordPress, WIX या Google Blogger जैसे Content Management System (CMS) वैबसाइट के लिए अपने आप पहले से ही Sitemap उपलब्ध करा देते हैं। इसे सर्च इंजन Bots खुद ही पढ़ लेते हैं। आपको अलग से साइटमैप बनाने की कोई जरूरत नहीं होती।
जब आप कोई नया पोस्ट लिखते हैं या पेज अपडेट करते हैं तो ये CMS अपने आप ही आपकी वैबसाइट के साइटमैप को भी अपडेट कर देते हैं।
वर्डप्रैस में साइटमैप को आसानी से इस्तेमाल करने के लिए Yoast SEO plugin का इस्तेमाल किया जा सकता है।


अगर आपकी वैबसाइट में साइटमैप नहीं है तो आप Manually इसे बना कर गूगल में सबमिट कर सकते हैं। आइए पहले जानते हैं कि अपनी वैबसाइट का साइटमैप कैसे चेक करें। यह देखने के लिए कि आपकी वैबसाइट में साइटमैप बना है या नहीं आपको वैबसाइट के URL का इस्तेमाल करना होगा।
साइटमैप की फ़ाइल .xml की होती है और आमतौर पर आपके Domain की Root Directory में होती है। (ex: https://www.websitedomain.com/sitemap.xml)
यह वेबसाइट के डोमेन पर सार्वजनिक रूप से किसी के भी द्वारा देखी जा सकती है। इसके अलावा आप अपने ब्राउज़र में साइटमैप के लिए कुछ naming conventions का इस्तेमाल कर के भी इसे देख सकते हैं;
- https://www.websitedomain.com/sitemap.xml
- https://www.websitedomain.com/sitemap_index.xml
- https://www.websitedomain.com/sitemap1.xml
आपकी वैबसाइट के robots.txt फ़ाइल में भी साइटमैप के लिए लिंक होता है। इससे सर्च इंजन क्रॉलिंग शुरू करने के लिए साइटमैप फ़ाइल को जल्दी से ढूंढ लेते हैं। Robots.txt के लिए स्टैंडर्ड फ़ाइल लोकेशन main site directory में ही होती है:
जैसे: https://www.websitedomain.com/robots.txt
वैबसाइट का साइटमैप बनाते समय, आप सर्च इंजनों को बताते हैं कि आप खोज परिणामों में कौन से URL दिखाना पसंद करते हैं। अपनी साइट की संरचना और आकार के आधार पर साइटमैप बनाएँ।
Sitemap तीन तरीकों से बनाया जा सकता है:
CMS की सहायता से:
अपने CMS को आपके लिए साइटमैप बनाने दें- WordPress, Wix, या Blogger अपने आप आपके साइटमैप को बनाते है और ये गूगल जैसे सर्च इंजन पर उपलब्ध हो जाता है। अगर ये अब तक नहीं बना है तो उन CMS में साइटमैप कसे बनाते हैं ये सर्च करें।
मैन्युअल रूप से साइटमैप बनाएं:
जिन वैबसाइटों में कुछ दर्जन से कम URL होते हैं उनमें आप साइटमैप मैन्युअल रूप से बना सकते हैं। इसके लिए आपको Windows Notepad या Nano (Linux, MacOS) जैसे टेक्स्ट एडिटर को खोलकर साइटमैप फॉर्मेट सेक्शन में वर्णित सिंटैक्स का पालन करना होगा।
इसमें आप XML, RSS, mRSS, और Atom 1.0, Text जैसे format का इस्तेमाल कर सकते हैं।
आप बड़ी और कॉम्प्लेक्स साइट के साइटमैप भी मैन्युअल रूप से बना सकते हैं, लेकिन यह बहुत ज्यादा समय लेता है। इसलिए automatically इसे generate किया जाता है। आप वेबसाइट का साइटमैप बनाने के लिए, XML-Sitemaps.com और SEO Spider software जैसे ऑनलाइन टूल्स का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। इस टूल से आप बना हुआ साइटमैप डाउनलोड कर सकते हैं।
Automatically साइटमैप बनाएँ:
कुछ दर्जन से अधिक URL वाले साइटमैप के लिए, आपको साइटमैप automatically जेनरेट करना चाहिए। इसमें third-party sitemap generators का उपयोग भी किया जा सकता है।
Xml.sitemap.com इस वेबसाइट पर जाकर आप अपने साइट का URL डाले और आपका Sitemap ready।
उदाहरण के लिए उदाहरण के लिए, आप अपनी वेबसाइट के डेटाबेस से अपनी साइट के URL निकाल सकते हैं और फिर URL को अपने वेब सर्वर पर स्क्रीन या वास्तविक फ़ाइल में Export भी कर सकते हैं।


Google Search Console Me Sitemap Kaise Submit Kare
वैबसाइट का साइटमैप बनाने के बाद उसे Google Search Console में सबमिट करना जरूरी होता है। अपना साइटमैप सबमिट करने के लिए आप अपने Google Search Console अकाउंट में लॉगिन करें।
फिर, साइडबार में “इंडेक्स” से होते हुए “साइटमैप” पर जाएं। Add a new sitemap की जगह पर साइटमैप URL दर्ज करें और सबमिट पर क्लिक करें।
अब आपका साइटमैप गूगल पर सबमिट हो गया है।
इसके अलावा आप निम्नलिखित तरीकों से भी गूगल सर्च Console में साइटमैप सबमिट कर सकते हैं।
- साइटमैप रिपोर्ट का उपयोग करके साइटमैप सबमिट करें।
- पिंग टूल का उपयोग- अपने ब्राउज़र या command लाइन में अपनी साइटमैप के पूरे URL Address को भेजें। https://www.google.com/ping?sitemap=FULL_URL_OF_SITEMAP
उदाहरण के लिए https://www.google.com/ping?
या sitemap=https://example.com/sitemap.xml
इसके अलावा आप अपने साइटमैप का पथ निर्दिष्ट करते हुए अपनी robots.txt फ़ाइल में कहीं भी इन लाइन को जोड़ दें:
Sitemap: https://example.com/my_sitemap.xml
अगली बार जब गूगल आपकी वैबसाइट को Crawl करेगा तो वो आपकी वैबसाइट के Sitemap को खुद पढ़ लेगा।
अपना साइटमैप Microsoft बिंग को सबमिट करने के लिए, बिंग वेबमास्टर टूल्स का उपयोग किया जाता है। बिंग वेबमास्टर टूल्स में साइटमैप पर नेविगेट करें। फिर साइटमैप सबमिट करें पर क्लिक करें। इसके बाद अपना साइटमैप URL दर्ज करें और सबमिट पर क्लिक कर दें।
इससे आपका साइटमैप बिंग पर सबमिट हो जाता है।
हर बार जब किसी साइट को गूगल के Crawlers क्रॉल करते हैं तो वे साइटमैप की जांच नहीं करते। साइटमैप अपने आप केवल पहली बार चेक किया जाता है जब वो गूगल की नजर में आत है। बाद में Google को साइटमैप के बारे में तभी अलर्ट करें जब वह नया या अपडेट हुआ हो।
Sitemap Ko Validate Kaise Kare
साइटमैप बनाने के बाद उसे Validate कर के यह चेक किया जाता है कि क्या वो सही से formatted हुआ है या नहीं। इसके लिए Google schema का उपयोग किया जाता है।
साइटमैप फ़ाइल में दिखाई देने वाले attributes और allowable elements को सही से define करने के लिए XML schema Use की जाती है। आप Google schema SiteMap.org के माध्यम से डाउनलोड कर सकते हैं:
इस Google schema के आधार पर आप अपने साइटमैप के Structure को Validate करने के लिए उपलब्ध टूल में से किसी का भी उपयोग कर सकते हैं।
FREQUENTLY ASKED QUESTIONS
- साइटमैप किसके लिए जरूरी होता है?
साइटमैप उन वेबसाइट के लिए जरूरी है जिनमें ज्यादा URL या वेबपेज हों या जो बहुत कॉम्प्लेक्स होती हैं। ये उनके लिए भी जरूरी होता है जिनमें इंटरनल लिंकिंग सही से नहीं होती।
- साइटमैप कौन बनाता है?
साइटमैप automatic या manually दोनों तरीकों से बनाया जाता है। WordPress, WIX या Blogger जैसे CMS अपने आप ही आपकी वैबसाइट का साइटमैप बना देते हैं।
- एक साइटमैप में कितने URL शामिल किए जा सकते हैं?
साइटमैप का अधिकतम आकार या साइज़ 50 MB होता है। किसी भी साइटमैप में ज्यादा से ज्यादा 50,000 URLs ही शामिल किए जा सकते हैं। इससे ज्यादा होने पर साइटमैप को बाँट देना चाहिए।
Conclusion:
मुझे उम्मीद है कि आप समझ गए होंगे कि Sitemap Kya Hai और इसका काम क्या होता है।
अगर आप WordPress, Wix, या Blogger जैसे CMS (Content Management System) का इस्तेमाल अपनी वैबसाइट के लिए कर रहे हैं तो ज्यादा संभावना है कि आपके CMS ने पहले ही सर्च इंजनों के लिए आपकी वैबसाइट का साइटमैप उपलब्ध करा दिया होगा।
लेकिन अगर आपकी वैबसाइट में Sitemap नहीं है तो आपकी साइट सर्च रैंकिंग में पिछड़ सकती है। अच्छा साइटमैप Google Crawlers पसंद करते हैं और ये Indexing में मदद करता है।